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सामियाना के चोंप जब घोंपायी (Bhojpuri Poem)

Apni Bhojpuri Sanskriti
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सामियाना के चोंप जब घोंपायी

देवरा करी तब खूब चुसाई,
जेनेरेटर जब चालु हो जाई
तब हुक भी ढीला होयीये जाई,
जींस के तब के कहो ए भाई
अंग-अंग ढीला हो जाई,
रउवा बस देखत जायीं
ई लोग राम-राम गोहराई,
जब मूंह में करिखा पोताई
गोबर घोर के पियावल जाई,
तब्बे अश्लील गावे वाला लोग के
बात समझ में आई।

kamal jee mishra

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